नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर दुनिया भर के निशाने पर आए चीन के नापाक इरादे अब भारतीय सीमा पर भी सामने आने लगे हैं. अपनी आक्रामक विस्तारवादी नीति को अंजाम देने में जुटे चीन के दुस्साहस की पराकाष्ठा ही कहा जाएगा कि उत्तरी सिक्किम के नाकुला सेक्टर में उसने सीमा पर कर घुसपैठ का प्रयास किया.
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इस दौरान रोकने पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हो गई. इस झड़प में दोनों तरफ के सैनिक घायल हुए हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस झड़प में 7 चीनी सैनिक और 4 भारतीय सैनिक घायल हुए हैं. हालांकि भारतीय सेना ने इसे सामान्य झड़प करार दिया है, जिसे मान्य प्रोटोकॉल के तहत सुलझा लिया गया.
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सेना ने सामान्य झड़प बताई
इस हिंसक झड़प को भारतीय सेना ने सीमा पर होने वाली एक सामान्य घटना बताया है. सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत-चीन सीमा विवाद के तमाम मसले अभी अनसुलझे हैं. ऐसे में सीमा विवाद का समाधान नहीं होने से अस्थायी और कुछ समय के लिओ होने वाला संघर्ष होता रहता है. ऐसे हिंसक संघर्षों को मान्य प्रोटोकॉल के तहत दोनों देशों की सेना मिल-बैठकर आपस में बातचीत के जरिये सुलझा लेती है. हालांकि नाकुल में ऐसी हिंसक झड़प काफी समय बाद हुई है. इस हिंसक झड़प के दौरान दोनों ही पक्षों ने आक्रामकता का परिचय दिया. स्थानीय स्तर पर ही आला अधिकारियों के हस्तक्षेप और बातचीत से मामला सुलझा लिया गया.
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साल 2017 में बनी थी भीषण तनाव की स्थिति
इससे पहले साल 2017 में दोनों देशों के बीच सिक्किम क्षेत्र में भीषण तनाव देखने को मिला था. तब यह इतना बढ़ा था कि भारत के शीर्ष सैन्य अफसरों ने कई दिनों तक इलाके में कैंपिंग की. इन अधिकारियों में 17वीं डिविजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग भी शामिल थे. दोनों देशों के सैनिकों के बीच धक्कामुक्की की घटना के बाद विदेश मंत्रालय और दिल्ली स्थित सैन्य मुख्यालय तक हलचल रही.
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सिक्किम में विवाद की यह है बड़ी वजह
दरअसल चीनी सेना इस इलाके में सड़क निर्माण करने की कोशिश कर रही है. चीन पहले ही सामरिक लिहाज से बेहद अहम माने जाने वाले चुंबी घाटी इलाके में सड़क बना चुका है, जिसे वह और विस्तार देने की कोशिश कर रहा है. यह सड़क भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर या कथित 'चिकन नेक' इलाके से महज पांच किमी दूर है. यह सिलिगुड़ी कॉरिडोर ही भारत को नॉर्थ ईस्ट के राज्यों से जोड़ता है. इसी कारण से भारतीय सैनिकों और चीनी सेना के बीच अक्सर टकराव होता रहता है. साल 2017 में भी टकराव की यही वजह थी जब पीएलए के जवानों को विवादित इलाके में निर्माण कार्य करने से भारतीय सेना ने रोक दिया था.