कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रधानमंत्री ने सुझाए ये 7 मंत्र
- अपने घर के बुजुर्गों का खास ध्यान रखें, ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी है, उन्हें कोरोना से बचाकर रखना है
- लॉकडाउन और सामाजिक दूरी का पूरी तरह पालन करें, घर में फेस कवर या मास्क का प्रयोग करें
- आयुष मंत्रालय की ओर से दिए गए सुझाव पर अमल करें
- कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप जरूर डाउनलोड करें और दूसरों को भी इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें
- जितना हो सके, गरीब परिवार की देखरेख करें, उनकी भोजन की जरूरत पूरी करें
- अपने व्यवसाय में साथ काम करने वालों के प्रति संवेदना रखें
- कोरोना योद्धाओं डॉक्टर, नर्सेज, सफाईकर्मी का सम्मान करें
नई दिल्ली : आज मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश पूरी मजबूती के साथ कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है। जिस तरह से देशवासियों ने त्याग और तपस्या का परिचय दिया है, वह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि मंगलवार यानी आज खत्म हो रही है।
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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और अधिक बढ़ाई जाएगी
राज्य सरकारों ने भी जिम्मेदारी से काम किया है. 24 घंटे हर किसी ने अपनी जिम्मेदारी निभाकर हालात को संभाला है. इन प्रयासों के बीच कोरोना जिस तरह फैल रहा है, उसने सरकारों को और सतर्क कर दिया है. भारत में भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई आगे कैसे बढ़े, हमारा नुकसान कैसे कम हो, लोगों की दिक्कतें कैसे कम हों, राज्यों के साथ निरंतर चर्चा की गई. इसमें एक बात निकलकर आता है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए. कई राज्य तो लॉकडाउन बढ़ा भी चुके हैं. सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए यह तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा. तब तक हम सभी को लॉकडाउन में ही रहना होगा. इस दौरान हमें उसी तरह रहना है, जैसे हम करते आ रहे हैं. कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है. स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो यह हमारे लिए चिंता की बात होनी चाहिए. कोरोना से एक भी मौत होती है तो हमारी चिंता और बढ़नी चाहिए. पहले से भी अधिक सतर्कता बरतनी ही होगी. नए हॉटस्पॉट का बनना हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को भंग करेगा.
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और अधिक बढ़ाई जाएगी. 20 अप्रैल तक हर राज्य, हर जिले, हर कस्बे को परखा जाएगा, कोरोना के खिलाफ लड़ाई का लगातार मूल्यांकन किया जाएगा. जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जहां नए हॉटस्पॉट नहीं बनेंगे, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन याद रखिए यह अनुमति शर्तों के साथ होगी. लॉकडाउन के नियम टूटते हैं तो सारी अनुमति वापस ले ली जाएगी. न खुद लापरवाही करनी है और नही लापरवाही करने देना है
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